Sunday, December 1, 2019

संविदा क्या है?What is contract.


 An agreement enforceable by law is contract.
विधि द्वारा प्रवर्तनीय करार संविदा कहलाते हैं।
सैविग्‍नी– ‘‘संविदाबहुत से व्‍यक्तियों की ऐसी इच्‍छा की समेल अभिव्‍यक्‍त है जिसका आशय उनके बीच एक कर्त्‍व्‍य का सृजन करता है।‘’
“Contract is the union of several in accordant expression of will with the object of creating an obligation between them.”
प्रत्‍येक संविदा में एक करार समाविष्‍ट होता है किन्‍तु यह आवयश्‍क नहीं है कि प्रत्‍येक करार संविदा हो (Every contract is an agreement but every agreement is not a contract.) क्‍योंकि वही करार संविदा होते हैं जो विधि द्वारा प्रवर्तनीय होते हैं। विधि द्वारा कोई भी करार तभी प्रवर्तनीय होता है जबकि वह धारा 10 में उल्लिखित समस्‍त शर्तों को पूरा करे। संविदा अधिनियम की धारा 10 के अनुसार, ‘’सभी करार, यदि वे संविदा करने के लिए सक्षम पक्षकारों की स्‍वतंत्र सम्‍मति से विधिपूर्ण प्रतिफल के लिए एवं विधिपूर्ण उद्देश्‍य से किये जाते हैं और ऐतद्द्वारा अभिव्‍यक्ति रूपेण शून्‍य घोंषित नहीं किये गये हैं, संविदा है।
उपयुक्‍त परिभाषा से यह स्‍पष्‍ट होता है कि किसी करार को विधि द्वारा प्रवर्तनीय होने के लिए निम्‍नलिखित आवश्‍यक शर्ते पूरी करना आवश्‍यक है-
1.       पक्षकार करार करने हेतु सक्षम होने चाहिए। (The parties should be competent to agreement.)
2.       करार पक्षकारों की स्‍वतंत्र सम्‍मति से होना चाहिए। (The agreement should be with the free consent of parties.)
3.       संविदा के लिए प्रतिफल होना चाहिए(There should be consideration for contract.)
4.       प्रतिफल का विधिपूर्ण उद्देश्‍य होना चाहिए। Consideration should have a legal object.)
5.       अधिनियम के अन्‍तर्गत स्‍पष्‍ट रूप से शून्‍य घोंषित नहीं होना चाहिए। (It should not be void under the Act.)
6.       कुछ विशिष्‍ट मामलों में, जैसा कि विधि द्वारा उपबन्धित हो, करार लिखित या गवाहों की उपस्थिति में अथवा पंजीकृत होना चाहिए।(In some specific cases, as provided by law, the agreement should be written and in the presence of witness or registered.)
संविदा विधि में संविदा का कोई प्रारूप निर्धारित नहीं किया गया है। संविदा सदैव ही लिखित हेाना आवश्‍यक नहीं है, संविदा मौखिक भी हो सकती है। अत: पक्षकार इस बात के लिए स्‍वतंत्र है कि वे संविदा को किसी भी प्रारूप में निष्‍पादित करें, परन्‍तु जब कोई व्‍यक्ति राज्‍य सरकार या केन्‍द्रीय सरकार से संविदा करता है तब उसे एक विशेष प्रारूप में होना चाहिए तथा उसे निष्‍पादित किया जाना चाहिए।
संविदा के प्रकार (Kinds of Contract)-
अभिव्‍यक्ति संविदा (Express Contract)- अभिव्‍यक्ति संविदा वह होती है जिसकी शर्ते लिखित रूप में या मौखिक रूप में शब्‍दों द्वारा घोषित की जाती हैं।
प्रलक्षित संविदा (Constructive Contract)-  प्र‍लक्षित संविदा वह होती है जिसमें कि दोनों पक्षकारों में से किसी की तरु से संविदा करने का कोई आशय नहीं हेाता है, परन्‍तु विधि एक संविदा आरोपित करती है। उदाहरण के लिए- एक खोई हुई वस्‍तु को पाने वाला व्‍यक्त्‍िा इस कर्तव्‍य के अधीन होता है कि वह उस वस्‍तु के स्‍वामी को ढूंढ़े तथा वह वस्‍तु उसे वापस करे यदि वह वस्‍तु किसी गलत व्‍यक्ति को दे दी जाती है तब गलत रूप से प्रापत करनेवाले व्‍‍यक्ति का यह कर्तव्‍य होता है कि या तो वह उस वस्‍तु को वापस करे या उसका मूल्‍य दे।
विवक्षित संविदा (Implied Contract)- विवक्षित संविदा वह होती है जो शब्‍दों की अपेक्षा अन्‍य प्रकार से बनती है तथा पक्षकारों के आचरण से जिसका आशय निकलता है या विधि जिसकी परिकल्‍पना करती है कि उन्‍होंने विधिद्वारा प्रवर्तनीय संविदा करने का इरादा किया है।


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